RBI NEW SYSTEM UPDATE : हाल ही में RBI ने लाइट वेट और पोर्टेबल पेमेंट सिस्टम शुरू किया है। इस भुगतान प्रणाली का उपयोग प्राकृतिक आपदाओं और युद्ध जैसी स्थितियों के समय किया जाएगा। यह सिस्टम महत्वपूर्ण लेनदेन के लिए संचालित किया जाएगा। आइए विस्तार से जानते हैं|
आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम करते हैं मौजूदा पेमेंट सिस्टम [Existing payment systems work on IT infrastructure]
भुगतान लेनदेन के लिए वर्तमान में चल रहे आरटीजीएस, एनईएफटी और यूपीआई जैसे मौजूदा भुगतान सिस्टम को बड़ी मात्रा में भुगतान को संभालने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
ये भुगतान प्रणालियाँ उन्नत आईटी बुनियादी ढांचे पर काम करती हैं। RBI की ओर से बताया गया कि प्राकृतिक आपदा और युद्ध की स्थिति में अंतर्निहित सूचना और संचार बुनियादी ढांचे को बाधित करके इन भुगतान प्रणालियों को अस्थायी रूप से उपलब्ध कराया जा सकता है।
कर्मचारी कहीं से भी ऑपरेट कर सकेंगे [Employees can operate from anywhere]
ऐसे में किसी भी तरह की स्थिति का सामना करने के लिए एक ऐसा सिस्टम तैयार करने की जरूरत है जिसका इस्तेमाल किसी भी स्थिति में किया जा सके. इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए
RBI द्वारा एलपीएसएस की योजना बनाई गई है, जो पारंपरिक तकनीक से स्वतंत्र होगी और कम संख्या में कर्मचारियों द्वारा कहीं से भी संचालित की जा सकती
यह ऐसे लेनदेन को पूरा करने के लिए उपयोगी होगा जो सरकार और बाजार से संबंधित लेनदेन जैसे अर्थव्यवस्था की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
RBI ने SBI बैंक को दिए निर्देश [RBI gave instructions to SBI Bank]
RBI ने ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम में हिस्सा लेने वाले सभी सदस्य बैंकों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। RBI ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई बैंक) को एनईएफटी और आरटीजीएस सिस्टम के माध्यम से अपने कोर बैंकिंग, मिडलवेयर सॉल्यूशंस में कुछ सुधार करने की जरूरत है ताकि विदेशी दान प्राप्त करते समय आवश्यक विवरण प्राप्त किया जा सके ।
गृह मंत्रालय को देनी होगी जानकारी [Home Ministry will have to give information]
RBI ने गृह मंत्रालय को विदेशी दानदाताओं के सभी विवरणों की रिपोर्ट करने के लिए अनिवार्य किया है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से कहा गया है कि वह विदेश से भेजे गए धन सहित विदेशी दानदाताओं के बारे में दैनिक आधार पर गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट भेजे। RBI ने कहा कि दानकर्ता का नाम, पता, देश, राशि, मुद्रा और भेजने के उद्देश्य समेत कई तरह की जानकारियां देनी होंगी। एसबीआई को दैनिक आधार पर गृह मंत्रालय को सूचित करना होगा।